उमरिया। जिले के जनपद पंचायत करकेली अंतर्गत दुर्गम पहाडों के बीच बसे ग्राम पंचायत बिछिया में आजादी के कई दशक बीतने के बाद भी लोगों के जीवन से अंधकार की काली राते नहीं छटीं हैं बिजली की सुविधा से महरूम बिछिया गांव में लोग रात होते ही घुप अंधेरे में डूब जाते हैं इसका कारण इस गांव में अभी तक बिजली का न पहुंचना हैआखिरी बार प्रशासन की तरफ से साल 2014 में सोलर सिस्टम के माध्यम से गांव को रोशन करने का प्रयास हुआ था महज छह माह में ही सोलर प्लेट बिगड़ गया तब से लेकर अभी तक 10 साल बीत गए, कलेक्टर से लेकर विधायक व मंत्रियों का दौरा हुआ सभी ने आश्वासन भी दिया लेकिन बिजली के दर्शन नहीं हो सकें हैं नतीजा गांव की युवा पीढ़ी टार्च व लालटेन के सहारे रात्रि में पढ़ने को मजबूर है गांव के लोगों द्वारा निजी खर्चे से छोटे मोटे सोलर बैटरी घरों में लगा रखा है जिससे छुटपुट घरेलू काम तो हो जाते है लेकिन जैसे ही आसमान में बादलों की चहलकदमी होती है वो भी निष्क्रिय हो जाते हैं लिहाजा आज तक गांव में बिजली नहीं पहुंच पाई है बिजली के अलावा ग्राम बिछिया में पानी की समस्या बनी हुई है गर्मी के सीजन में लोग पानी के लिए नदी, नाले व हैण्ड पम्प में कतार लगाकर पानी भरते हैं मई व जून की भीषण गर्मी में इनका जल स्त्रोत भी सूख जाता है ऐसे में महिलाएं व पुरूष खुद के परिवार के साथ ही मवेशियों की प्यास बुझाने जूझते रहते हैं गांव के लोग अब हताश हो चुके हैं उनका कहना है जिला प्रशासन से लेकर मंत्री विधायक की चैखट में अपनी पीड़ा बता चुके हैं फिर भी न जाने कब उनकी रातों में विकास का नया सबेरा आ पाएगा।