चचोर में झोला छाप डॉक्टर द्वारा आए दिन किसी न किसी मरीज को उल्टे सीधी दवाई और बोटल लगाकर ठीक होने की बजाय और गंभीर कर देते हैं और जब मरीज अनकंट्रोल हो जाते हैं तो ये झोलाछाप डॉक्टर हाथ खड़े कर देते हैं।मजबूरन जब तक वह किसी बड़े सर्जन डॉक्टर तक जाते हैं तब तक यह डॉक्टर उनको बहुत देर करवा देते हैं क्योंकि ये डॉक्टर मरीजों के केस को वहीं पर किसी भी तरीके से ठीक करने की कोशिश करते हैं। पर बावजूद उनके पास डिग्री ना होने की वजह से वह उल्टे सीधे इंजेक्शन ओर दवाई देते रहते हैं। जिससे मरीज की हालत और ज्यादा बिगड़ जाती हैं और मजबूरन 10, 12 दिन निकालने के बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगती है। और मरीज फिर बड़े डॉक्टर के अस्पतालों में जाकर इलाज करवाते हैं तब तक वह किसी गंभीर बीमारी का शिकार हो जाता है। ऐसा ही एक लगभग आज से 8 से 10 माह पूर्व एक डॉक्टर ने 1 महिला को इंजेक्शन बोतल लगाई थी जिससे महिला की हालत धीरे-धीरे बिगड़ती गई और मजबूरन वह कैंसर पीड़ित हो गई ऐसा महिला के द्वारा बताया गया। जिसका उपचार आज भी बड़े हॉस्पिटल उदयपुर से चल रहा है।एक केस बंगाली डॉक्टर द्वारा आज से 4 साल पहले 1व्यक्ति को दाद हुआ था। जिसका इलाज करवाने वह व्यक्ति डॉक्टर के पास गया। जहा डॉक्टर द्वारा दवाई की बजाय उसके पुट्ठे पर इंजेक्शन लगाया। वह इंजेक्शन पककर एक गठान के रूप में बढ़कर एक गंभीर बीमारी का रूप ले लिया। समय रहते अगर वह किसी बड़े अस्पताल में जाकर उसका ऑपरेशन नहीं करवाता तो शायद कुछ और ही होता।पर उसकी भरपाई वह आज तक नहीं कर पाया है और दर-दर न्याय की गुहार लगाते रहता है। और डॉक्टर है कि बेखौप होकर अपने क्लीनिक चला रहे हैं ना ही आज तक उनके ऊपर कोई कार्रवाई हुई है क्योंकि अपने पैसे और रुतबे और राजनीतिक गलियारे में अच्छी पकड़ रखने वाले इन झोलाछाप डॉक्टरों को आज तक किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। कार्रवाई की है तो सिर्फ कार्रवाई के नाम पर लीपापोती। ऐसे ही कई केस चचोर में देखने को मिल जायेंगे। इस विषय में हमने कई बार खबर प्रकाशित की पर नीमच chmo मनासा बीएमओ और कुकड़ेश्वर रामपुरा के ज़िम्मेदार डॉक्टर द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है जबकि नीमच chmo वह मनासा बीएमओ द्वारा क्लीन चिट दी गई की हमारे द्वारा कुकड़ेश्वर रामपुरा स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर बसेर को इस विषय में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।पर इन डॉक्टरों द्वारा आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सिर्फ कार्यवाही के नाम पर लीपा पोती गई। कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग की भी लापरवाही देखने को मिली है क्योंकि इतना कुछ आम जनता के साथ बीत जाने के बाद भी जिन डॉक्टरों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाते है वही डॉक्टर कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार में लिप्त होकर सिर्फ लीपापोती कार्यवाही करते हैं और फिर यह झोला छाप डॉक्टर बेखोप होकर आज भी अपने क्लीनिक चला रहे हैं। और आम जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आखिर चचोर में इन झोलाछाप डॉक्टरों के उपर कब होगी सख्त से सख्त कार्रवाई जबकि इस बार मध्य प्रदेश मोहन सरकार द्वारा शक्त निर्देश की झोलाछाप डॉक्टरों के गलत रवैया को बक्सा नहीं जाएगा अब देखते हैं कब होती है कार्रवाई अगर ऐसा ही होता है तो कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग भी भ्रष्टाचार में लिप्त है।।गैर मान्यता प्राप्त / झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त हुई मध्यप्रदेश की मोहन सरकार, प्रदेश के समस्त कलेक्टर एवं जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इनको नियंत्रित कर आवश्यक कार्यवाही करने के जारी किए निर्देश।। कब होगी रामपुरा तहसील के ग्राम चचोर में झोलाछाप बंगाली और गैर बंगाली डॉक्टरो के ऊपर कार्यवाही,,,,