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गाय को माता मानने वालो जरा इस खबर को ध्यान से देखो, नीमच शहर में गौमाता हो रही आए दिन एसिट अटैक का शिकार, इस मामले को लेकर हिन्दूवादी लोगो ने ज्ञापन के माध्यम से पुलिस अधीक्षक को कराया अवगत।

नीमच। हमारे पूर्वजों को सृष्टि के नियमों का सम्पूर्ण ज्ञान था। वह गाय के महत्त्व और उसके प्रति दुर्व्यवहार और शोषण के परिणामों से भी भली-भांति परिचित थे। वेदों में भी गाय के महत्व का उल्लेख है। अथर्ववेद में कहा गया है रू धेनु सदनाम् रईनाम अर्थात गाय सभी प्रकार की समृद्धियों व उपलब्धियों का स्रोत है। गाय ही है जो मनुष्य को दूध और उससे बने उत्पाद प्रदान करती है। उसका गोबर ईंधन और खाद तथा उसका मूत्र औषधि और ऊर्वरक प्रदान करता है। जब बैल भूमि की जुताई करते हैं तो भूमि दीमक मुक्त हो जाती है। जब हम यज्ञ द्वारा दैविक शक्तियों से संपर्क करते हैं तो गाय का घी और उपला ही उपयोग में लाया जाता है। कहा जाता है कि जब गाय ने संत कबीर के ललाट को अपनी जिव्हा से स्पर्श किया था तो उनके भीतर असाधारण काव्य क्षमताएं जागृत हो गई थी। आज इस गोजातीय देवी पर अनगिनत अत्याचार हो रहे हैं और निर्दयता से इसका संहार हो रहा है। अकेले पश्चिम बंगाल की सीमा से प्रतिदिन बीस हजार गौवंश की तस्करी होती है, जिसके पश्चात हत्या करके उसका विषाक्त मांस दुनिया भर में भेजा जाता है। बीस हजार तो एक सामान्य सा आंकड़ा है, वरना साल में कुछ दिन तो ऐसे होते हैं जब गौमांस के लिए एक ही दिन में लगभग 1. 5 लाख गायों का वध किया जाता है। किसी समय मंदिरों और महलों में पूजा जाने वाला यह जीव आज प्लास्टिक और अस्पताल तथा फैकटरियों से निकलते हुए मल का सेवन करके जीवित है। स्टेरॉयड और एंटी बायोटिक्स ने तो उसके दूध और मांस को विषाक्त कर ही दिया है साथ ही इन पदार्थों में गौमाता का श्राप भी निहित है। जब गाय दुःखी, डरी हुई या गुस्से में होती है या उसे उसके बछड़े से अलग किया जाता है तो उसके भीतर हार्मोनल असंतुलन उत्पन्न हो जाता है और परिणामस्वरूप विषाक्त पदार्थ उसके शरीर में भर जाते हैं। जो भी उस दूध और मांस का सेवन करता है, उसके स्वास्थ्य पर उसका प्रतिकूल और घातक प्रभाव पड़ता है। गौ माता पर हो रहे अत्याचार को देखते हुए हिंदू समाज संगठन के पदाधिकारी एवं शहर की जनता द्वारा पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देते हुए बताया गया कि बगीचा नंबर 13 नीमच सिटी रोड रतन महाराज के ढाबे के सामने आए दिन गौ माता के ऊपर कुछ और असामाजिक तत्वों के द्वारा एसिड डालकर उनको जिंदा मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है अगर इस प्रकार की घटना को नहीं रोका गया तो सामुदायिक, सांप्रदायिक घटनाएं हो सकती है जिसके संबंध में पुलिस अधीक्षक नीमच को ज्ञापन देकर मौखिक अवगत कराया गया। अगर इसी प्रकार की घटनाए घटती रही तो ये घटनाए एक दिन बडा रुप ले सकती है। शासन प्रशासन को इस और ध्यान लगाकर इस प्रकार की घटना को रोकना होगा। और आमजन को भी इस और ध्यान लगाना होगा की अपने मवेशी को खुला नही छोडे और उनके लिए समय समय पर चारे पानी की व्यवस्था करे।

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