प्रतापगढ़। पुलिस थाना घंटाली के खिलाफ पुलिस थाने में ही मारपीट करने एवं डराने धमकाने एवं न्यायालय में परिवाद नहीं करने , जबरन स्टाम्प लिखवाने को लेकर जिला कलेक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन के माध्यम से बताया कि मुझ प्रार्थी मानशंकर पिता कालुराम जाति निनामा ने एक परिवाद अभियुक्तगणों के विरूद्ध पुलिस थाना घंटाली में दे रखा था जिसमें मुझ प्रार्थी व मेरे पिता दोनो को पुलिस थाना घंटाली थाने में बुलाया, और वहां पर मुझे प्रार्थी के साथ रातभर मारपीट की जिससे मुझ प्रार्थी के कान में गहरी चोट आयी. तथा पुलिस थानाधिकारी सोहनलाल एवं समस्त स्टॉफ जिनको में शक्ल से जानता हूँ, मुझ प्रार्थी को इतना मारा की में बेहोश हो गया फिर मुझ प्रार्थी को होश आया तो पुलिस थाने वाले मुझ प्रार्थी को डराया धमकाया और कहा कि आज के बाद कभी भी कोई परिवाद कोर्ट में मत करना और ना ही वकिल के पास जाना ऐसा मुझ प्रार्थी से एक स्टाम्प जबरन लिखवा लिया और मुझ प्रार्थी के द्वारा दी गयी रिपोर्ट पर भी अभियुक्तगणों से मिलीभगत कर मुझ प्रार्थी का राजीनामा लिखवाकर ले लिया और मुझ प्रार्थी के पिता के द्वारा खरीदी गई जमीन को भी अभियुक्तगणों को दिला दी गई। पुलिस थाने पुलिस कर्मीयो द्वारा मुझ प्रार्थी को यह कहते हुए गंभीर मारपीट की कि बुला तेरे एसपी को और बुला तेरे कलेक्टर को, बुला तेरे हेमन्त मंत्री को और हम नम्बर बता रहे है तेरे पास नम्बर नहीं है तो हम नम्बर दे रहे है हम बात करवाते है हमारी मर्जी होगी वही हम थाने में करेगें ना ही एसपी कुछ कर सकता है और ना कलेक्टर और हेमन्त मंत्री कुछ कर सकता है और कोर्ट को भी बता देना की कोर्ट हमारा कुछ नहीं बिगाड सकती और ना ही तुम्हारे सरपंच व संगठन कुछ बिगाड सकती इत्यादि कहते हुए समस्त पुलिस स्टाफ ने मुझ प्रार्थी के साथ मारपीट की गई। जिसके कारण मेरे कान में चोट आने के कारण पिपलखूंट ईलाज कराया तथा बाद में जांचों में चिकित्साधिकारी द्वारा मेरी रिपोर्ट एक्सटनल ऑडिटरी केनाल बिल्ड सीन ऑन द राईट साईट मेरे सर में खून का धक्का जमना बताया गया व कहा कि अगर आपने अच्छे डॉक्टर से ईलाज नहीं कराया तो आपके साथ कोई भी अनहोनि हो सकती है। इसलिए आपके समक्ष प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन करते है कि पुलिस थानाधिकारी सोहनलाल एंव स्टाफकर्मी दिनेश ए.एस.आई. जितेन्द्र कॉस्टेबल एंव समस्त स्टॉफ के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने एवं प्रकरण की निष्पक्ष जांच हेतु उच्च अधिकारी से कराये जाने की कृपा करावे।