जीरन। जीरन नगर से प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भगवान श्री सांवलिया सेठ की पैदल यात्रा का आयोजन किया गया है प्रतिवर्षा अनुसार आज 01 अगस्त 2024 को भगवान श्री सांवलिया सेठ की पंचम पैदल यात्रा जीरन नगर के बाला हनुमान मंदिर से प्रारंभ होकर सांवलिया जी मंडफिया धाम (राजस्थान)को जाती है इस यात्रा में हजारों श्रद्धालु पैदल-पैदल भगवान श्री सांवलिया सेठ का भजन कीर्तन करते हुए ढोल बैंड बाजो की गूंज के साथ यात्रा प्रारंभ करते हैं यात्रा में लगभग 1500 पदयात्री की संख्या के रूप में जीरन नगर स्थित बाहला हनुमान मंदिर से प्रारंभ होकर ग्राम ग्वाल तालाब, राबड़िया ग्राम होते हुए राजस्थान की सीमा के गांव में प्रवेश करती है व जगह जगह रास्ते में भक्तो द्वारा फरीहाल व फल फ्रूट,नाश्ता चाय काफी द्वारा स्वागत सत्कार किया जाता है वह श्री सांवलिया सेठ की हाथों से बनाई हुई शाही झांकी में श्री सांवलिया सेठ की प्रतिमा विराजित होकर साथ-साथ चलती है यात्रा में आयोजक मंडल द्वारा सभी साथ चलने वाले यात्रियों का पूर्व पंजीयन कर उनके द्वारा आईडी कार्ड वितरित कर पानी, मेडिकल दवाइयों व अन्य जरूरी चीजों की पूरी व्यवस्था के साथयात्रा में चलने हेतु तैयार किया जाता है प्रथम दिन यात्रा प्रारंभ होकर रात्रि विश्राम राजस्थान के बंबोरी महादेव मंदिर धर्मशाला बंबोरी गांव में रहता है वहीं पर वहीं पर श्री सांवलिया सेठ के भक्तों द्वारा भोजन की व्यवस्था की जाती है दूसरे दिन सुबह 5 बजे यात्रा प्रारंभ होकर श्री सांवलिया जी धाम में पहुंचती है वहीं पर सभी पैदल यात्री विश्राम कर भगवान श्री सांवरिया सेठ को लड्डू चूरमा का भोग लगाकर भोजन ग्रहण करते हैं वह विश्राम स्थल से शाही पालकी में सवार होकर श्री सांवलिया सेठ मंदिर तक ढोल, बैंड बाजे के साथ मन्दिर परिसर में जाते है वह वापस विश्राम स्थल पर आकर सभी पैदल यात्रा को बसों व अन्य साधनों द्वारा उनके जहा से यात्रा प्रारंभ हुई उसी स्थान तक पहुंचाया जाता है। बंबोरी गांव में होगा भगवान श्री सांवलिया सेठ के भजनों का कीर्तन रात्रि विश्राम के दौरान राजस्थान के बंबोरी गांव में भजन गायक कलाकार रवि गुडली वह बाल भजन गायक कलाकार महेंद्रपाल के भजन द्वारा सभी भक्तों के साथ भजन संध्या का आयोजन भी किया जाएगा सांवलिया जी पैदल यात्रा संघ में खास बात यह है कि इस आयोजन मंडल में ना तो कोई पदों पर पदाधिकारी निर्वाचित है इसके बाद भी आयोजित मंडल द्वारा सांवलिया जी की पैदल यात्रा आसपास के आंचल में इतनी लोकप्रिय हो चुकी है की भक्तगण हर साल की संख्या में ज्यादा से ज्यादा भाग लेकर इस पैदल यात्रा को सफल बना रहे हैं वह आयोजक मंडल के सभी सदस्य तन मन और धन से इस यात्रा को सफल बनाने के लिए लगभग 1 महीने की तैयारी से जुट कर अपना अमूल्य सहयोग देते है