जब तक गौ माता दूध देती है। तब तक लोग उसे चारा,पानी देकर उसकी सेवा चाकरी करते हैं।और बछड़े को बांधकर रखते हैं।जब गौ माता दूध देना बंद कर देती है।तो गाय के साथ ही उसके बछड़े को भी लावारिस अवस्था में मरने के लिए इधर उधर आवारा जंगल में छोड़ देते हैं।ऐसा ही एक मामला गुरुवार को सिंगोली तहसील क्षेत्र के ग्राम झांतला में देखने को मिला।जहां पर एक शासकीय शिक्षक हरिराम पिता नाथुलाल रैगर निवासी झांतला द्वारा जब तक गाय ने दूध दिया तब तक गाय और बछड़े की सेवा चाकरी की।जब गाय ने दूध देना बंद कर दिया तो बछड़े को जंगल में मरने लिए भेज दिया।मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह हरिराम पिता नाथूलाल रेगर शासकीय शिक्षक निवासी झांतला ने गाय के 2 बछड़ो को झांतला निवासी मदनलाल माली के टेंपो एमपी 44 जेड सी 1848 में भरकर टेम्पो मे रस्सी से बांधकर जंगल में छोड़ने के लिए भेज दिया।रास्ते में रस्सी ढीली होने के कारण एक बछड़ा टेंपो से गिरकर हाथीपुरा चौराहे के नजदीक लगभग 1 किलो मीटर तक रोड पर घसीटाता रहा।जब राहगिरों ने बछड़े को घसीटता हुआ देखा तो टेंपो रूकवाया।इस दौरान आसपास के ग्रामीणों ने इसकी सूचना गोरक्षा दल के पदाधिकारियों सहित रतनगढ़ पुलिस थाने पर भी दे दी।टेम्पो के साथ रस्सी से बंधा होने की वजह से तेज गति में 1 किलो मीटर रोड पर घसीटाने के कारण गाय के बछड़े का पूरा जबड़ा टूट गया।साथ ही पूरा शरीर छिलने के साथ ही पेट की सारी पसलियां भी बाहर आ गई।और पैर भी बुरी तरह से घायल हो गए।इस दौरान गाय का बछड़ा बुरी तरह से घायल होने के साथ ही लहुलुहान हो गया।घायल बछड़े को गोरक्षा दल के सदस्यों एवं ग्रामीणों की मदद से रतनगढ़ पशु चिकित्सालय में लाया गया।जहां चिकित्सकों द्वारा काफी प्रयासों के बाद भी उसके उपचार के दौरान ही मौत हो गई।रतनगढ़ पुलिस द्वारा मोटर साईकिल चालक बालकिशन पिता शंभूलाल धाकड़ निवासी नैराल की रिपोर्ट पर टेंपो चालक मदनलाल पिता प्रभुलाल माली एवं हरिराम पिता नाथुराम रैगर दोनो निवासी झांतला के खिलाफ मामला दर्ज कर टेम्पो को अपने कब्जे मे ले लिया गया।