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रतनगढ क्षेत्र मे बेमौसम आई आफत की बारिश से अन्नदाता किसान हुए बैहाल, मक्का, मुंगफली,सोयाबीन एवं उड़द की फसलो को हुआ भारी नुकसान।

*????अन्नदाता किसानों ने की शासन प्रशासन व क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों से बिना सर्वे तुरंत मुआवजे की मांग*...... .. *...✍️निर्मल मूंदड़ा रतनगढ* इस वर्ष जहां औसत वर्षा के चलते जैसे तैसे अपने खेतों पर लहलहा रही शानदार मक्का, मुंगफली एवं सोयाबीन की फसलों को देखकर किसानो के चेहरे खिले हुए थे।एवं बेहतर फसल आने की उम्मीद पाले बैठे थे।लेकिन अचानक आसमान से बेमौसम आई आफत की बारिश के कहर या यू कहे कि किसानों के लिये बारिश के पानी रूपी जहर ने किसानों की सारी उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फैर दिया।जिससे अन्नदाता किसानों के माथे पर अपने भविष्य को लेकर चिंता की भारी लकीरे उभर आई है।रतनगढ क्षेत्र में अधिकांश किसानों ने अपनी मक्का, मुंगफली एवं सोयाबीन आदि की फसलो को काटकर खेतों में ही छोड़ रखी थी।एवं कृषको के खेतो मे इन फसलो को निकालने की तैयारियां चल रही थी।लेकिन शनिवार एवं रविवार की मध्य रात्रि मे अचानक हुए मौसम परिवर्तन के बाद पहले हल्की बूंदाबांदी और फिर रात भर लगभग 8 से 10 घंटों तक आई मुसलाधार तेज बारिश ने क्षेत्र के किसानो की पूरी तरह से कमर तोडकर रख दी है।और खून के आंसू बहाने के लिए मजबूर कर दिया।ग्राम कस्मारिया के जमनालाल माली के लगभग 4 से 5 बीघा मुंगफली व मक्का की फसल पूरी तरह पानी मे बह गई।वहीं कन्हैयालाल माली, शम्भूलाल पिता बरदीचंद, रामचंद्र माली, रामलाल माली, बालूराम माली आदी की मुंगफली व मक्का की फसले खराब हो गई है।रतनगढ के कचरुमल मीणा, रामलाल मीणा, सत्यनारायण तिवारी आदी के पूरे खेतो मे पानी भरा गया।एवं मक्का,मुंगफली की पूरी फसले बह गई।रतनगढ के ही दयाराम कुमावत के भी पूरे खेत मे पानी भरा गया और काट कर रखी लगभग 10 बीघा की मक्का और मुंगफली की फसल खराब होकर पानी मे बह गई।अचानक आई बारिश ने नदी नालो को पूरी तरह से ऊफान पर ला दिया।वही दूसरी तरफ बारिश का मौसम निकल जाने एवं आने वाले समय में पेयजल की व्यवस्था के लिए पानी संग्रह करने के लिए कढी शटर लगा दिए गए थे।जिससे पानी का भराव अधिक फैल गया।और फसले पूरी तरह से खराब हो गई है।इस बारिश ने किसानो की सारी उम्मीदो पर पूरी तरह से पानी फैर दिया है।इस बारिश से रतनगढ, गुंजालिया, बधावा, कस्मारिया, देहपूर,आलोरी गरवाड़ा,लुहारिया चुंडावत आदि पंचायत क्षेत्रों के गुंजाली नदी एवं खाल के किनारो पर बसे किसानों के खेतो पर काट कर रखी हुई मक्का, सोयाबीन, मुंगफली, उड़द आदी की फसले पानी के भारी बहाव मे पूरी तरह से बह गई है।जिससे किसानों को लाखो रुपये मूल्य की फसलो का भारी नुकसान हुआ है।वही बहुत से किसानों के खेतो मे पूरी तरह से पानी भरा जाने के कारण खेतो मे तलाव जैसी स्थितिया बन गई।जिससे खेतो मे काटकर रखी फसले भी पूरी तरह से पानी मे डुब गई।साथ ही क्षेत्र मे फसलो को भारी नुकसान के साथ फसलो मे किड़े पडने व सड़ने की स्थिति उत्पन्न हो गई है।बेमौसम हुई बारिश से कई किसानों के खेतो मे पानी भरा गया है।जो शाम तक भी नही निकल पाया था।वही रतनगढ गुंजालिया मार्ग भी लगभग 8 घंटे बाधित रहा।इस दौरान गुंजालिया का एक व्यक्ति बगदीराम मीणा नदी पार करते समय पानी के बहाव मे बह गया जो काफी मशक्कत के बाद दूसरे किनारे पर निकल पाया।वही गुंजालिया की एक महिला की तबियत अधिक खराब होने पर उसके भाई एवं पति द्वारा अपने कंधो पर बिठाकर ईलाज के लिये नदी पार कराकर रतनगढ लाया गया।बताया जा रहा है।कि रतनगढ के एक जिम्मेदार नेताजी से मदद मांगने पर उन्होंने कोई भी मदद करने मे असमर्थता जाहिर कर दी।जबकि जेसीबी की मदद से गम्भीर मरीज को पूलिया पार लाया जा सकता था।देर शाम काफी मशक्कत के पश्चात जेसीबी मशीन की सहायता से पूलिया के गेट खोलने के बाद गुंजालिया का आवागमन शुरु हुआ।रतनगढ, नीम का खेड़ा,देहपुर, आलौरी, गरवाडा, बधावा, कस्मारिया आदि ग्रामीण क्षेत्रों मे फसलो मे भारी नुकसानी के समाचार है।क्षेत्र के सैकड़ो पीड़ित किसानों ने जिला कलेक्टर महोदय, क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारीयो से निवेदन किया है।कि बिना किसी सर्वे के तुंरत पिड़ित किसानो के खेतो मे हुए नुकसानी पर कैवल मुआवजे की घोषणा नही करते हुए कस्बा पटवारी को भेजकर सभी किसानों को बिना सर्वे मुआवजा प्रदान कर तुरंत राहत प्रदान करावे।

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