सिंगोली :- सुहागिन महिलाओं ने रविवार को करवा चौथ का व्रत रखा। चांद और पति के चेहरे को चलनी से देखने के बाद व्रत खोला गया। महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखा। महिलाएं विशिष्ट संयोग में व्रत रख पूजा-अर्चना कर करवा माता से पति की सलामती की दुआ मांगी। सुहागिनो ने श्रृंगार कर व्रत की कथा सुनीं। करवाचौथ त्यौहार पर छोटे कस्बों से लेकर ग्रामीण इलाकों,महानगरों में भी सुहागिनों द्वारा विधि-विधान के साथ करवा चौथ का व्रत रखा गया। पहली बार व्रत रखने वाली नवविवाहितों में इसे लेकर और अधिक हर्ष उल्लास देखा गया। मान्यता के अनुसार करवा चौथ अनुष्ठान को पूरी विधि विधान से संपन्न करने वाली महिलाएं अखंड सुहागवती रहती हैं। पारंपरिक परंपरा और लोक रिवाज के अनुसार चांद पूजन के दौरान महिलाओं ने चलनी में दीपक रख अपने पति के चेहरे को देखा और चौथ माता से अपने अखंड सुहाग की कामना की व बडे बुजुर्गों का आर्शीवाद लिया। व्रतधारी महिलाओं ने अपने पति के हाथ से पानी पीने और मिठाई ,मीठे भजिये से व्रत का पारण करने की रस्म निभाई। करवा चौथ पर महिलाओं ने सज धज कर सोलह श्रृंगार कर रखी थी। करवा चौथ को लेकर घरों में हर्ष उल्लास और खुशियों का वातावरण रहा। घर-परिवार की महिलाओं ने सामूहिक पूजा कर व्रत का पारण किया। महिलाओं ने चंद्रोउदय के दौरान घरों की छतो पर मिट्टी से बने करवे में जलपूर्ण कर चंद्रमा को अर्ध दिया तो पुरूषों बच्चों ने आतीशबाजी पटाखे फोड़े । करवा चौथ व्रत के अवसर पर व्रत पूजन के पहले महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कीए। नए-नए वस्त्र और आभूषणों से सज-धज कर तैयार हुई। कई महिलाओं ने अपने हाथों पर मेंहदी रचवाई। वहीं महिलाएं ब्यूटी पार्लर में सज-धर कर तैयारी हुई।