*ढाई साल के कार्यकाल में विकास के नाम पर पंचायते आज भी खोखली* रामपुरा जिला नीमच मध्य प्रदेश रामपुरा तहसील के अंतर्गत आने वाली लगभग कुछ पंचायत में ढाई साल से ज्यादा बीत जाने के बावजूद भी विकास के नाम पर आज भी राह देख रही ग्रामीण जनता। पंचायती राज इतना भ्रष्टाचार हो चुका है कि निचले स्तर से लेकर सरपंच सचिव और संबंधित उप यंत्री से लेकर ठेकेदार और जनपद के अधिकारियों तक बंदर बाट होती है। तब जाकर इतना बड़ा भ्रस्टाचार का खेल रचता है। विकास के नाम पर पंचायते आज भी खोखली है । सही से जांच और पड़ताल की जाए तो सारी सच्चाई आपके सामने होगी ग्रामीण जनता आज भी त्राहि माम कर रही है विकास के नाम से।अब यह पंचायत कौन सी है। आईए आपको विस्तार से बताते हैं।जो गांधी सागर वॉटर बैक एरिया के नजदीक बसी हुई है।जो 2019 मैं भारी से भारी बारिश होने की वजह से गांधी सागर के ओवरफ्लो की वजह से आपदा की शिकार हो चुकी है। इस पंचायत में विकास के नाम पर कुछ नहीं दिखाई देता है। शिवाय भ्रष्टाचार के अलावा।अधिकतर पंचायतो में कागजों में ही विकास दिखाई दे रहा है। धरातल पर सारे विकास नदारत हैं। क्योंकि इन पंचायत के अंतर्गत छोटे-छोटे ग्रामीण क्षेत्र आते हैं। जिन में अनपढ़ गरीब किसान और मजदूर वर्ग के व्यक्ति निवासरत रहते हैं। उनका फायदा इन पंचायत के सरपंच और सचिव बड़े ही मजे से उठाते हैं। और आम जनता को विकास के सपने दिखाकर उनके नाम से सरकारी खजाने पर डाका डाल रहे हैं। जिनमे दो पंचायते प्रमुख हैं एक तो गांधी सागर वॉटर बैक एरिया से सटी हुई और दूसरी इस पंचायत से जुड़ी हुई ग्राम पंचायत हैं। जो इस पंचायत में सरपंच और सचिव का तालमेल न बैठने की वजह से आज तक विकास की राह देख रही आम जनता और आज भी इस पंचायत में सचिव सस्पेंड हैं। करेगें जल्द खुलासा ।जहां पंचायतो में विकास के नाम पर तालाब, पुलिया, खेत सड़क योजना, स्टॉप डैम, परकुलेसन टैंक, और अन्य कई योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चडाकर कागजों में दिखाया गया विकास।।।।। ब्यूरो रिपोर्ट,,,, दशरथ माली चचोर