झोला छाप बंगाली डॉक्टर की वजह से एक और मासूम की जान जोखिम में, सालिया खेड़ी तहसील रामपुरा जिला नीमच मध्य प्रदेश सालिया खेड़ी निवासी महेश पिता मोहनलाल धनगर द्वारा बताया गया कि मुझे दाद हुआ था जिसका इलाज कराने समीप ग्राम चचोर में झोलाछाप बंगाली डॉक्टर विश्वजीत परे पिता रामपत परे जिसका चचोर बस स्टैंड से सटे मनासा रोड पर पूरब दिशा की ओर शासकीय पशु चिकित्सालय के पास एक आलीशान अस्पताल खोल रखा है जिसमें लगभग 5 से 6 बेड देखे जा सकते हैं । जहां मैने ( महेश )इलाज कराया जिसकी वजह से मेरे कूल्हे पर इंफेक्शन हो गया। जिसका डॉक्टर ने समय पर ट्रीटमेंट ना किया। जिसकी कारण महेश कुछ ही दिनों ज़िंदगी और मौत से जंग लड़ने लगा और समय रहते वह नीमच ट्रीटमेंट कराया जहां से डॉक्टर ने उदयपुर रेफर कर दिया जहां प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराया जहां कई दिनों तक मौत से जंग लड़ता रहा। तब जाकर महेश की जान बच पाई।अन्यथा महेश के साथ कुछ भी हो सकता था। जब इस विषय में झोलाछाप डॉक्टर को बताया तो झोला छाप बंगाली डॉक्टर अपनी बात से मुकरते हुए यह कहता है कि मैंने आपका इलाज नहीं किया। अक्सर झोला छाप डॉक्टर इसी भाषा का उपयोग करते हैं और ना ही इलाज की कोई पर्ची देते हैं। ताकि इनका बचाव का रास्ता साफ रहे। तो झोला छाप बंगाली डॉक्टर बिस्वजीत परे ने यह कहते हुए नकार दिया कि मैंने तुम्हारा इलाज नहीं किया और तुम कौन हो मैं तुम्हें नहीं जानता हूं। जब इनके द्वारा किया गया उपचार बिगड़ जाता है। तब यह सही रास्ता बताने की बजाय अपने हाथ खड़े कर देते हैं और इसी तरह लोगों के साथ पेश आते हैं कि हमने आपका इलाज नहीं किया।। इसका जीता जागता सपूत चचोर के दशरथ माली है जिनके साथ भी 2019 में ऐसा ही हुआ था फिर भी प्रशासन ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से आज फिर एक और की मासूम की जान जोकीम में ।जबकि ऐसे डॉक्टरों को गोली देने का भी स्वास्थ्य विभाग में कोई लाइसेंस नहीं दे रखा है। तो फिर यह किस आधार पर लोगों की जान जोकीम डाल रहे हैं ।आखिर झोलाछाप डॉक्टरों का ऊपर कब होगी कार्यवाही। आए दिन यह लोगों के जान जोखिम में डाल रहे हैं।और आज फिर उससे भी बड़ा कारनामा हुआ है।अब डॉक्टर का कहना है कि मैंने इनका इलाज नहीं किया जबकि फरियादी की मां ने 7,10,2024 को संबंधित थाने मे कार्यवाही के लिए आवेदन दिया है।पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इस और ध्यान दिया । आखीर कब जागेगा कुंभकर्णी नींद से स्वास्थ्य विभाग।आए दिन ऐसे झोलाछाप बंगाली डॉक्टर लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं आखिर कब लगेगा इन लोगों के ऊपर प्रतिबंध क्या स्वास्थ्य विभाग चचोर के बंगाली डॉक्टर के ऊपर कार्यवाही करेगा या फिर किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार करेगा। क्योंकि रामपुरा कुकड़ेश्वर और मनासा के स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों में इन बंगाली डॉक्टर के ऊपर कार्यवाही करने का दम कम नहीं है।क्योंकि सभी ने लगभग अपने हाथ भ्रष्टाचार में रंग रखे हैं। इस वजह से यह इन लोगों के ऊपर कार्यवाही करने में कतराते हैं अन्यथा कब की ही कार्रवाई हो चुकी होती। पिछले 5 सालों में अभी तक कार्रवाई न होना भ्रष्टाचार का अंदेशा होता है।सभी के हाथ लगभग भ्रष्टाचार में रंगे हुए हैं। क्योंकि कई बार ऐसे बंगाली डॉक्टर की मीडिया द्वारा खबर प्रसारित करने के बावजूद भी ऐसे बिना डिग्री के झोलाछाप डॉक्टरों के ऊपर कारवाई नहीं होना कहीं ना कहीं अंदेशा होता है कि इन बंगाली डॉक्टरो सभी अधिकारियों तक भ्रष्टाचार की जड़े मजबूत कर रखी है।जिनका एक बहुत बड़ा गिरोह मनासा रामपुरा तहसील में सक्रिय है जिन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं होना इस बात का सपूत है।।। क्योंकि नीमच chmo व मनासा बीएमओ को2019 से अब तक इस विषय में कई बार अवगत कराने के बावजूद भी अभी तक ऐसे डाक्टर के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।। ब्यूरो रिपोर्ट दशरथ माली चचोर