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कैंद्रीय नार्कोटिक्स ब्यूरों कार्यालय को किसानो ने घेरा, जीरन क्षेत्र में फर्जी एनडीपीएस के मामले को लेकर किसान हुए आक्रोशित।

नीमच। जिले की जीरन तहसील के ग्राम चल्दू, मात्याखेड़ी, अरनिया बोराना, बांसखेड़ा और सररानी सहित अन्य कई गांवों के किसानों को अफीम के झूठे प्रकरण में फंसाने को लेकर बुधवार को नीमच में ग्रामीणों और किसानों का एक बड़ा आंदोलन देखने को मिला। आक्रोशित किसान और ग्रामीण आज सुबह स्थानीय दशहरा मैदान में एकत्रित हुए, और नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार के साथ रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए कैंद्रीय नार्कोटिक्स ब्यूरों के कार्यालय पहुंचे। जहां इनके द्वारा नार्कोटिक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में इन्होंने बताया कि, हम प्रार्थीगण जीरन क्षेत्र के ग्राम चल्दू, मात्याखेडी, अरनिया बोराना, बांसखेडा, सकरानी व अन्य गांव के निवासी है, जो काश्तकारी व गरीब मजदूर वर्ग की श्रेणी में आते है। काश्तकारी करके ही अपनी जीविका चलाते है। हमारा पूरा जीवन कृषि पर ही निर्भर है, इसके अतिरिक्त हम ग्राम वासियों के पास आय का अन्य कोई साधन नही है। हम किसानों की अफीम काश्तकारी भी शासन के समस्त नियमों व शर्तों के अधीन की जाती है, तथा शासन के कहे अनुसार व दिये निर्देशों का पालन कर ही खेती करते है। लेकिन वर्तमान में जीरन तहसील के बरखेड़ा सौंधिया गांव के ही अफीम काश्तकारी करने वाले एक व्यक्ति को दिनांक- 11 मई 2025 को नार्कोटिक्स के अधिकारियों व पुलिस ने अफीम प्रकरण में गिरफ्तार किया है। उसके द्वारा द्ववेषता व रंजिश रखते हुए गांव के किसानों के झुठे नाम नार्कोटिक्स के अधिकारियों को बताये जा रहे है। इस कारण अधिकारी गांव के लोगों को परेशान कर रहे है। बार-बार आकर परेशान कर रहे है, फोटो विडियो बनाकर जा रहे है, और बोल रहे है कि आफिस आकर बात करना पड़ेगी। जिससे ग्राम के सभी लोग परेशान हो रहे है, और गांव के किसान जो शासन के नियमों के अधीन अफीम काश्तकारी करते है, उन्हें भी मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञापन में बताया गया कि, जो व्यक्ति पकड़ाया गया है उसके द्वारा अवैधानिक कार्य किया जाता है। गांव के बेकसुर लोगों का उसके द्वारा झुठा नाम लिया जा रहा है। जिससे पुलिस अधिकारी उन्हें परेशान कर रहे है। अनावेदक/आरोपी ने गांव के नौ किसानों के झुठे नाम लिये है, जो कि अफीम पट्टे या कृषक है। सीपीएस पद्धति के अनुरूप कृषि कार्य करते है। अनावेदक ने गांव के ही एक व्यक्ति जो कि कृषि सम्बधित दवाईया विक्रय करते है, तथा वह अनावेदक पर दवाईयों के पैसे मांगते थे, तो उनका नाम भी ले लिया गया है। ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपते हुए निवेदन किया है कि, निर्दोष किसानों को अफीम व तस्करी के झुठे प्रकरण में फंसाने वाले अधिकारियों के खिलाफ वैधानिक जांच कर नियमानुसार सख्त व कठोर कार्यवाही की जाए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो मजबूर होकर समस्त किसानों को नार्कोटिक्स के खिलाफ उग्र आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा। जिसकी समस्त जवाबदारी नार्कोटिक्स विभाग नीमच की रहेगी।

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