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हर्ष उल्लास से पीपल की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना कर मनाया दशामाता पर्व

रामपुरा l रामपुरा सहित आस पास के सभी गांवो में आज सुख शांति समृद्धि की कामना को लेकर महिलाओं ने सोलह सिंगार कर विधि विधान से दशा माता की पूजा अर्चना की हिंदू धर्म में देवी पार्वती के अनेक रूपों की पूजा समय-समय पर की जाती है दशामाता भी इनमें से एक है दशा माता की पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है इस बार यह तिथि 17 मार्च शुक्रवार को मनाई गई है इस व्रत का महत्व कर्म धर्म ग्रंथों में बताया गया है मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से बुरा समय चल जाता है और अच्छा समय शुरू हो जाता है इस व्रत के दौरान कई नियमों का पालन किया जाता है चैत्र माह की कृष्ण पक्ष तिथि को दशा माता की पूजा करने से जातक के घर परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है और सभी परेशानियां और कष्ट दूर हो जाते हैं दशा माता पूजन के दिन त्रिवेणी वृक्षों यानी तीन वृक्षों पीपल नीम और बरगद की पूजा करने का विधान है दशा माता पूजन में महिलाएं पीपल वृक्ष की कुमकुम ,मेहंदी ,लच्छा ,सुपारी, अक्षत्,धूप, दीप आदि से वृक्ष की पूजा के बाद सूत लपेटती है घर में सुख शांति और समृद्धि की कामना से सोना (पीपल की छाल )को घर लाकर तिजोरी में रखती है घर की दशा सुधारने के लिए इस व्रत का काफी महत्व बताया गया है

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