नीमच। जिले की जीरन तहसील के अंतर्गत ग्राम चिताखेड़ा से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर एक किसान परिवार की जमीन पर कुछ दबंगों ने जबरन कब्जा किया हुआ है। इस मामले को लेकर नीमच हलचल की टीम जब ग्राम पंचायत दलपतपुरा के समीप भड़क सनावड़ा स्थित मौके पर पहुंची तो वहां देखा कि भू माफिया द्वारा गरीब वर्ग के किसान की भूमि पर थंबे लगाकर कब्जा किया हुआ था जब इस मामले में पीड़ित किसानों से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि में नारायण पिता गोबरु मेघवाल की अधिपत्य व स्वामित्व की कृषि भूमि मौजा ग्राम भड़क सनावदा तहसील जीरन में सर्वे क्रमांक 43/ 5 रकबा 0.4100 हेक्टेयर सिंचित कृषि भूमि है। और कुल 10 बीघा से अधिक भूमि जो कि सरकार से हमारे दादा परदादा को प्राप्त हुई थी और इस भूमि पर पूरे परिवार का हिस्सा था। जिसको हमारे द्वारा बांट लिया गया था। परंतु हमारी कृषि भूमि के पास वाली भूमि को हुकमीचंद पिता उदा जाति मेघवाल ने चिताखेड़ा निवासी पूरणमल पिता भेरूलाल छपरी को विक्रय कर दी। जिसके बाद पूरणमल व जितेंद्र उर्फ जीतू छपरी द्वारा हमारे स्वामित्व की भूमि पर मौजा पटवारी आशीष शर्मा की मिलीभगत से अवैध तरीके से नामांतरण कर कब्जा कर लिया है। और हमारी कृषि भूमि पर जेसीबी लाकर जबरन 11 पेड़ आम के व 3 पेड़ नीम के गिरा दिए। और हमारे द्वारा विरोध करने पर मारपीट की गई। व गाली गलौज की गई। और खेत पर स्थित झोपड़ी भी गिरा दी। विपक्षी महिलाओं के द्वारा भी एक शर्मसार घटना को अंजाम दिया खेत पर फूलों के ऊपर पिशाब छिड़क दिया जिससे भगवान को फूल नही चढ़ाया सके। पीड़ित किसान द्वारा यह भी बताया गया कि मौजा पटवारी आशीष शर्मा द्वारा 50 हजार की रिश्वत भूमि पर कब्जा नही करवाने के एवज में मांगी गई थी। गरीब किसान परिवार द्वारा इतनी मोटी रकम नही दी गई। जिससे पटवारी ने अवैध तरीके से विपक्षी द्वारा कृषि भूमि पर कब्जा करवा दिया। गरीब किसान परिवार द्वारा इसका विरोध करने पर विपक्षियों द्वारा मारपीट पर उतारू हो गए और गाली गलौज भी करने लगे जिससे किसान परिवार ने पुलिस को शिकायत की परंतु विपक्षियों को एक दिन में ही छोड़ दिया गया कई बार किसान परिवार ने कलेक्टर कार्यालय आकर कलेक्टर से न्याय की गुहार भी लगाई परंतु गरीब किसान परिवार को न्याय नहीं मिल रहा।