नीमच। नीमच मंडी कहने में तो बहुत बड़ी मंडी है पर यहाँ के हालात इतने बुरे है कि उपज लेकर आए किसान परेशान हो जाते हैं। नीमच मंडी सबसे बड़ी मंडी है यहाँ दूर दूर से व कई जिलों से किसान उपज बेचने आते हैं। पर यहाँ किसानों के लिए कोई सुविधा नही है। बात करे लहसुन मंडी की तो यहाँ पर अवैध आढ़त प्रथा चल रही है। किसानों को पेमेंट में लेट ना हो। और उपज तोलने में लेट ना हो। जिससे मजबूरन आढ़त को उपज देना पड़ती है।कुछ किसानो ने अपनी समस्या बताई है। और नीमच मंडी के हालात सुनाए है। उज्जैन जिले की तराना तहसील के गांव मेहरगढ़ के किसान बद्रीलाल चौधरी ने बताया कि में लहसुन लेकर 3 दिन पहले नीमच मंडी आया हूँ। और नीमच मंडी में खाने पीने की कोई सुविधा नही है। मंडी कमेटी की तरफ से दूर से आने वाले किसानों के लिए सुविधा रखना चाहिए। सभी किसान भूखे धूप में बैठे हैं। वही किसान ने बताया कि आढ़तियों को उपज देना पड़ती है। जिसका आढ़तियों द्वारा 2 प्रतिशत काट कर पैसे दिए जा रहे हैं। आपको बता दे की आढ़त प्रथा 1992 में ही सभी मंडी में बंद हो गई थी। और नीमच मंडी में सिर्फ कागजों में आढ़त प्रथा बंद है। पर खुलेआम आढ़तियों का आतंक नीमच मंडी में मचा हुआ है। ये आढ़तिए किसानों को चुना लगा रहे हैं। दूर-दूर से आये किसानों को डरा कर उनकी उपज बिक़वाकर पेमेंट में से 2 प्रतिशत लेते हैं। सबसे ज्यादा लहसुन मंडी में आढ़तिए किसानों का माल बिक़वाकर उनसे धोखाधड़ी कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि नीमच मंडी 90 प्रतिशत आढ़त में चल रही है। बाकी 10 प्रतिशत किसान खुद माल बेचते है। इनका कहना-- किसान द्वारा आढ़तियों की शिकायत आती है तो कार्यवाही की जाती है। हमारे इंसपेक्टर द्वारा परिसर में निगरानी बनाए हुए हैं। आढ़त प्रथा मंडी में नही चल रही है। (सतीश पटेल- मंडी सचिव)