रामपुरा तहसील मुख्यालय पर ब्राह्मण समाज के आराध्य देव एवं भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जन्म उत्सव पर अवसर पर ब्राह्मण समाज द्वारा भगवान परशुराम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई शोभा यात्रा भगवान परशुराम की जय घोष के साथ जगदीश मंदिर से बैंड बाजों के साथ शुरू हुई जो छोटा बाजार सूरज घाट लालबाग शिवाजी चौराहा चामुंडा माता होते हुए स्वर्णकार मांगलिक भवन पहुंची शोभा यात्रा का जगह-जगह सर्व समाज द्वारा पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया ज्ञात हो कि भगवान परशुराम अपनी वीरता के लिए जाने जाते हैं एवं शास्त्रों में भी उल्लेख है कि अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने वाले बहुत ही वीर एवं गुणों में श्रेष्ठ होते हैं पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी का जन्म धरती पर हो रहे अन्याय अधर्म पाप कर्मों का विनाश करने के लिए हुआ था उन्हें सात चिरंजीव पुरुषों में से एक माना जाता है परशुराम जी का जन्म नाम राम रखा गया था एवं वे भगवान शिव की कठोर साधना करते थे जिसके कारण भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें कहीं अस्त्र शास्त्र प्रदान किए थे फरसा भी उन्हीं में से एक अस्त्र था उन्होंने फरसा धारण किया था इसलिए उनका नाम परशुराम पड़ गया शोभायात्रा के अंत में स्वर्णकार मांगलिक भवन में भगवान परशुराम जी की आरती उतारकर सभी समाज जनों का स्नेह भोज आयोजित किया गया