गौ माता को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर चार धाम 12 ज्योतिर्लिंग एवं 48 शक्तिपीठों की पैदल यात्रा कर चुके 20 वर्षीय युवा संत ऋषभ देव ठाकुर गुरुवार को नीमच जिला मुख्यालय पहुंचे युवा संत की दंडवत यात्रा 16 मार्च को उज्जैन से प्रारंभ होकर खाटू श्याम तक कि दंडवत यात्रा 4 मई को नीमच शहर में निकली युवा संत की इस कठिन यात्रा इन तपो साधना को देखते हुए अनेक स्थानों पर माला पहनाकर नगर वासियों द्वारा स्वागत किया गया। बता दें कि युवा संत ऋषभदेव फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश के निवासी होकर गौ माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने को लेकर संपूर्ण भारत के सभी तीर्थ स्थानों की पदयात्रा कर चुके हैं एवं दिनांक 16 मार्च से उज्जैन महाकाल से दंडवत यात्रा का प्रारंभ कर खाटू श्याम के लिए निकले हैं संत ऋषभदेव ठाकुर ने बताया कि गौमाता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। गौमाता में 33 कोटी देवी देवताओं का वास होता है और गौमाता को राष्ट्रीय पशु का दर्जा नहीं मिले यह दुर्भाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि गौमाता को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर ही दंडवत यात्रा निकाली जा रही है। मेरा प्रण है कि गौ माता को राष्ट्रीय पशु का दर्जा मिले