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भाजपा के सांसद और विधायक के प्रति क्षेत्र में भारी आक्रोश के बावजूद कांग्रेस पार्टी से भाजपा की स्थिति बेहतर है*---- *कांग्रेस के मंडलम अध्यक्ष,सेक्टर प्रमुख और ब्लॉक अध्यक्ष भाजपा की गोद में बैठ कर कर रहे कांग्रेस का काम*---

दशरथ माली - चीताखेड़ा -9मई। प्रदेश में 20 और नीमच विधानसभा क्षेत्र में लगातार साढ़े अठारह वर्षो से भाजपा की सरकार है।इन साढ़े अठारह वर्षो में भाजपा ने देश गरीब किसान मजदूरों और किसी भी शासकीय अफसरों एवं कर्मचारियों के हित में ऐसा कोई नेक कार्य नहीं किया गया है जो कोई अंध भक्तो को छोड़कर सराहना की जाएं। यहां तक की विपक्ष के अलावा हर कोई भाजपा को कोसते हुए देखा जा सकता है।विपक्ष में विपक्ष 20सालों में से साढ़े अठारह साल से कांग्रेस पार्टी में भी संगठन को मजबूत बनाने हेतु मंडलम और सेक्टर प्रमुख, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों की नियुक्तियां की गई। कांग्रेस पार्टी के संगठनों में बैठे पदाधिकारियों ने भाजपा का विरोध करने के बजाए भाजपा नेताओं की गोद में बैठकर कांग्रेस के ही लोगों का विरोध कर अपने पदों का दायित्व का निर्वहन किया जा रहा है। नीमच संसदीय एवं विधानसभा क्षेत्र में लगातार साढ़े अठारह सालों से भाजपा काबिज है। साढ़े अठारह साल से हर वर्ग परेशान हैं विपक्ष कम सत्ता पक्ष भी असंतुष्ट हैं।कांग्रेस पार्टी के मंडलम अध्यक्ष, सेक्टर प्रमुख, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ने कभी भी किसी भी प्रकार से भाजपा का विरोध तक नहीं किया चाहे किसानों को अपनी बेशकिमती फसलों को कभी अल्प वर्षा तो कभी अतिवृष्टि तो कभी शीतलहर के प्रकोप से भारी नुकसान पहुंचा है तो मंडी में कभी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिला कभी विरोध हेतु सड़कों पर उतरे तक नहीं। ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी में निष्क्रिय लोगों को एक बार फिर उन्हीं पदों पर ताजपोशी की है जिन्होंने तानाशाही और दमनकारी नीतियों के दम पर सत्ता चला रहे हैं उनके डर से उन्हीं की गोद में बैठ कर हां में हां करते हुए कांग्रेस पार्टी के ही लोगों को अपने निजी स्वार्थ एवं व्यक्तिगत ध्वेश्ता एवं खुन्नस निकाल रहे हैं। ऐसे दोगले, गिरगिट रंगबदलू दमनकारी पदाधिकारी कांग्रेस पार्टी को क्या मजबूत करेंगे। वैसे देखा जाए तो चीता खेड़ा क्षेत्र में भाजपा के सांसद और विधायक के खिलाफ भारी आक्रोश है लेकिन कांग्रेस पार्टी से भाजपा की स्थिति आमजन में बेहतर है। चीता खेड़ा क्षेत्र में कांग्रेस गुटबाजी पूरी तरह से चरम पर है। भाजपा इसका चुनावी लाभ फिर उठा सकती है*।

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