उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 14 मई को मेड़ता में स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा की मूर्ति का अनावरण करेंगे। पूरा मिर्धा परिवार मौजूद रहेगा। जनसभा भी होगी। ============ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 14 मई को नागौर के मेड़ता शहर में मीरा द्वार के निकट स्मारक परिसर में पूर्व केंद्रीय मंत्री और नागौर के लोकप्रिय जन नेता रहे स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा की मूर्ति का अनावरण करेंगे। इस मौके पर डेगाना के कांग्रेस विधायक विजयपाल मिर्धा सहित पूरा मिर्धा परिवार मौजूद रहेगा। हालांकि उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक है, लेकिन कई मौकों पर जगदीप धनखड़ परंपरा से हट कर बोलते हैं। धनखड़ राजस्थान के ही निवासी है और राजस्थान में भाजपा, कांग्रेस और जाट समुदाय की राजनीति को अच्छी तरह समझते हैं। स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा भी कई दलों में रहे, लेकिन उन्होंने नागौर में अपनी जड़ों को जमाए रखा। नाथूराम मिर्धा के निधन के बाद मिर्धा परिवार ने कुछ वर्षों तक नागौर में दबदबा रखा और ज्योति मिर्धा तक सांसद बन गई। लेकिन धीरे धीरे मिर्धा परिवार का असर कम हुआ। यही वजह रही कि नागौर के सांसद की सीट भी हनुमान बेनीवाल ने छीन ली। बेनीवाल ने वह सीट भाजपा के सहयोग से छीनी। जानकारों का मानना है कि बेनीवाल को निशाने पर राख कर ही मिर्धा परिवार भाजपा से निकटता बढ़ा रहा है। मिर्धा परिवार नहीं चाहता था कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बेनीवाल की पार्टी आरएलपी और भाजपा से कोई गठबंधन हो। बेनीवाल की भरपाई के लिए मिर्धा परिवार सहमत नजर आ रहा है। हालांकि मूर्ति का अनावरण मेड़ता सिटी की आयोजन समिति कर रही है। निमंत्रण पत्र में समिति के अध्यक्ष और सचिव तक का नाम नहीं है, क्योंकि उपराष्ट्रपति को बुलाने से लेकर आम सभा तक करवाने में मिर्धा परिवार खासकर कांग्रेस विधायक विजयपाल मिर्धा, उनके पिता और पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, कुचेरा नगर पालिका के अध्यक्ष तेजपाल मिर्धा, पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ही सक्रिय हैं। यहां यह खास तौर से उल्लेखनीय है कि विधायक विजयपाल मिर्धा गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया के दामाद हैं। लेकिन इसके बावजूद भी मूर्ति अनावरण समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आमंत्रित नहीं किया गया है। कहा जा रहा है कि मूर्ति अनावरण समारोह को राजनीति से दूर रखा गया है। लेकिन अनावरण के बाद जो जनसभा होगी, उसे राजनीति से जोड़ कर ही देखा जा रहा है। जब जगदीप धनखड़ के सामने माइक होगा, तब पता चलेगा कि यह समारोह राजनीति से कितना दूर है। जहां तक हनुमान बेनीवाल का सवाल है तो नागौर की राजनीति उनके पैर भी जम चुके हैं। बेनीवाल के पैर उखाड़ना मिर्धा परिवार के लिए आसान नहीं होगा। जगदीप धनखड़ द्वारा मूर्ति अनावरण के बाद मिर्धा परिवार भाजपा के कितना निकट आएगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। जानकारों की माने तो भाजपा की नाव में सवार होकर मिर्धा परिवार नागौर में अपनी स्थिति को फिर से मजबूत करने में लगा हुआ है। यदि भाजपा को बेनीवाल से पीछा छुड़ाना होगा तो फिर भाजपा भी मिर्धा परिवार में रुचि दिखाएगी। मौजूदा समय में भाजपा और बेनीवाल के रिश्ते बिगड़े हुए हैं। 14 मई को स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा के मूर्ति अनावरण के बाद नागौर की स्थिति में अनेक बदलाव देखने को मिलेंगे। S.P.MITTAL BLOGGER (12-05-2023) Website- www.spmittal.in Facebook Page- www.facebook.com/SPMittalblog Follow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11 Blog- spmittal.blogspot.com To Add in WhatsApp Group- 9929383123 #9725 तो क्या नागौर में हनुमान बेनीवाल को निशाना बना कर मिर्धा परिवार भाजपा में शामिल होगा? उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 14 मई को मेड़ता में स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा की मूर्ति का अनावरण करेंगे। पूरा मिर्धा परिवार मौजूद रहेगा। जनसभा भी होगी। ============ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 14 मई को नागौर के मेड़ता शहर में मीरा द्वार के निकट स्मारक परिसर में पूर्व केंद्रीय मंत्री और नागौर के लोकप्रिय जन नेता रहे स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा की मूर्ति का अनावरण करेंगे। इस मौके पर डेगाना के कांग्रेस विधायक विजयपाल मिर्धा सहित पूरा मिर्धा परिवार मौजूद रहेगा। हालांकि उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक है, लेकिन कई मौकों पर जगदीप धनखड़ परंपरा से हट कर बोलते हैं। धनखड़ राजस्थान के ही निवासी है और राजस्थान में भाजपा, कांग्रेस और जाट समुदाय की राजनीति को अच्छी तरह समझते हैं। स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा भी कई दलों में रहे, लेकिन उन्होंने नागौर में अपनी जड़ों को जमाए रखा। नाथूराम मिर्धा के निधन के बाद मिर्धा परिवार ने कुछ वर्षों तक नागौर में दबदबा रखा और ज्योति मिर्धा तक सांसद बन गई। लेकिन धीरे धीरे मिर्धा परिवार का असर कम हुआ। यही वजह रही कि नागौर के सांसद की सीट भी हनुमान बेनीवाल ने छीन ली। बेनीवाल ने वह सीट भाजपा के सहयोग से छीनी। जानकारों का मानना है कि बेनीवाल को निशाने पर राख कर ही मिर्धा परिवार भाजपा से निकटता बढ़ा रहा है। मिर्धा परिवार नहीं चाहता था कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बेनीवाल की पार्टी आरएलपी और भाजपा से कोई गठबंधन हो। बेनीवाल की भरपाई के लिए मिर्धा परिवार सहमत नजर आ रहा है। हालांकि मूर्ति का अनावरण मेड़ता सिटी की आयोजन समिति कर रही है। निमंत्रण पत्र में समिति के अध्यक्ष और सचिव तक का नाम नहीं है, क्योंकि उपराष्ट्रपति को बुलाने से लेकर आम सभा तक करवाने में मिर्धा परिवार खासकर कांग्रेस विधायक विजयपाल मिर्धा, उनके पिता और पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, कुचेरा नगर पालिका के अध्यक्ष तेजपाल मिर्धा, पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ही सक्रिय हैं। यहां यह खास तौर से उल्लेखनीय है कि विधायक विजयपाल मिर्धा गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया के दामाद हैं। लेकिन इसके बावजूद भी मूर्ति अनावरण समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आमंत्रित नहीं किया गया है। कहा जा रहा है कि मूर्ति अनावरण समारोह को राजनीति से दूर रखा गया है। लेकिन अनावरण के बाद जो जनसभा होगी, उसे राजनीति से जोड़ कर ही देखा जा रहा है। जब जगदीप धनखड़ के सामने माइक होगा, तब पता चलेगा कि यह समारोह राजनीति से कितना दूर है। जहां तक हनुमान बेनीवाल का सवाल है तो नागौर की राजनीति उनके पैर भी जम चुके हैं। बेनीवाल के पैर उखाड़ना मिर्धा परिवार के लिए आसान नहीं होगा। जगदीप धनखड़ द्वारा मूर्ति अनावरण के बाद मिर्धा परिवार भाजपा के कितना निकट आएगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। जानकारों की माने तो भाजपा की नाव में सवार होकर मिर्धा परिवार नागौर में अपनी स्थिति को फिर से मजबूत करने में लगा हुआ है। यदि भाजपा को बेनीवाल से पीछा छुड़ाना होगा तो फिर भाजपा भी मिर्धा परिवार में रुचि दिखाएगी। मौजूदा समय में भाजपा और बेनीवाल के रिश्ते बिगड़े हुए हैं। 14 मई को स्वर्गीय नाथूराम मिर्धा के मूर्ति अनावरण के बाद नागौर की स्थिति में अनेक बदलाव देखने को मिलेंगे।