ग्राम चचोर। तहसील रामपुरा।। जिला नीमच।। मध्य प्रदेश गांव चचोर के किसान एक तरह से लाचार और मजबूर हो गए हैं ।।उनका कहना है कि हमारी फसले सभी नष्ट हो चुकी है यह प्राकृतिक आपदा ही है और सुखा घोषित होना चाहिए।। पर कोई कर्मचारी अधिकारी राजस्व की ओर से अभी तक ना कोई हमें और हमारी फसल को देखने आया है। और ना ही हमें कोई संतुष्टि जवाब मिला है सरकार की ओर से।। हम सभी अधिकारियों को रोज सचेत कर रहे हैं पर अभी तक किसी भी अधिकारी ने सूंद नहीं ली है ।और हमारे गांव चचोर को एक तरह से लावारिस छोड़ दिया है किसान ,असलम पठान और बसंती लाल बलाई (मालवीय)का कहना है कि शिवराज सरकार बहनों को तो अन्य तोहफे दे रही हैं यह सब चुनावी प्रोगेंडा है ।पर हम किसानों का क्या हमारी ओर आज तक मामा जी ने ध्यान नहीं दिया है। हम वर्षों से खेती करते आ रहे हैं। पर बीते 5 सालों से हमें इतनी परेशानी आ रही है 2018,19 में लोगो को मुआवजा मिला पर हमे आज तक मुआवजा नहीं मिला,,और हमे आज भी सरकार पर भरोसा है। ।पर सरकार हमारी ओर देखती ही नहीं है ।बस एक समय होता है जब चुनाव आते हैं तो हमें सर आंखों पर बिठा लेते हैं।। और उसके बाद हमे लाविरिस छोड़ देते हैं कि किसान कैसे जी रहा ।। और इस बार ऐसा ही हुआ है जैसे चुनाव आ गए हैं। तो बहनों की खातिरदारी में लगे हुए हैं मुख्यमंत्री जी ।और हम किसानों की ओर थोड़ा बहुत भी ध्यान केंद्रित नहीं है।। क्योंकि हमारा गांव एक पठार क्षेत्र पर स्थित है जहां पानी की बहुत कमी होती है। और बारिश नहीं होने की वजह से हमारी कच्ची फसल ही सूख गई है बिना पक्की फसल खेत के खेत साफ हो गए हैं ।पर अभी तक राजस्व अधिकारियों पटवारी गिरदावर तहसीलदार या अन्य कोई अधिकारी ,, सांसद ,विधायक ने अभी तक हमारे गांव को लावारिस छोड़ रखा है और ना ही हम किसानों की सुन रहे हैं किसानों की जुबानी,, इस बार सूखा घोषित प्राकृतिक आपदा आई हैं ।अगर जो भी सरकार इस बार किसानों की सुनेगि तो सरकार वही मध्य प्रदेश में अपना परचम लहरायेगी