logo

पूरण और सकलेचा की अदावत में अटकी आधा किमी सड़क, गुर्जर खेड़ी के लोग धूल फांकने को मजबूर, कांग्रेस नेता पटेल के समक्ष ग्रामीणों ने रखी व्यथा

जावद। खोर ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले गुर्जर खेड़ी तालाब के लोग क्षेत्रीय विधायक और मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा तथा भाजपा नेता पूरण अहीर की अदावत का शिकार है। दोनों के बीच खींचतान जग जाहिर है। अब विडंबना यह है कि करीब 400 की आबादी वाला यह गांव अहीर के जनपद पंचायत क्षेत्र में आता है। अहीर ने जनपद पंचायत के चुनाव में यहां से बढ़त हासिल की थी और मंत्री के खास आदमी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद से ही गांव के विकास को ग्रहण लग गया। तहसील मुख्यालय जावद और पंचायत मुख्यालय खोर के मुख्य मार्ग से गांव की दूरी महज आधा किलोमीटर भी नही है। ग्रामीणों के अनुसार 20 साल से अधिक समय तक वीरेंद्र कुमार सखलेचा के बाद दो दशक से उनके पुत्र ओमप्रकाश सखलेचा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सखलेचा कई बार गांव भी पहुंचे , ग्रामीणों द्वारा आधा किलोमीटर के इस सड़क मार्ग के डामरीकरण की गुहार भी लगाई लेकिन मंत्री ने हर बार अनसुना किया। इसका खामियाजा गांव के लोग तो भुगत ही रहे हैं, बीच में पड़ने वाले मॉडल स्कूल के बच्चे भी धूल खाने को मजबूर है। मॉडल स्कूल में खोर के साथ-साथ आसपास के दर्जनों गांवों के बच्चे पढ़ने आते हैं। स्कूल के खुलने और बंद होने के दौरान इस मार्ग से निकलना मुश्किल हो जाता है क्योंकि भारी वाहनों के साथ सैकड़ो बच्चों की आवाजाही से रोड पर मिट्टी के गुबार उड़ते रहते। दुपहिया वाहन चालको की हालत तो और भी खराब हो जाती है। कई बार धूल के चलते दुर्घटनाएं भी हो जाती है। हालांकि सरपंच बलराम जाट द्वारा भी प्रयास किए गए परंतु मार्च में सखलेचा के खास माने जाने वाले जनपद पंचायत अध्यक्ष गोपाल चारण को ₹50000 की रिश्वत के साथ पकड़ाए जाने के बाद सखलेचा और भी बौखला गए। ग्रामीणों ने बताया कि आधा किलोमीटर के इस टुकड़े के डामरीकरण होने पर गांव के लोगों को नीमच का सीधा रास्ता मिल सकता है। इस टुकड़े को छोड़कर दोनों ही तरफ पक्के सड़क मार्ग है। उनका आरोप है कि जनपद चुनाव में पूरण अहीर की जीत के बाद सखलेचा बदले की भावना से काम कर रहे है। चुनाव से पहले डामरीकरण करवाने का आश्वासन दिया था परंतु जैसे ही चुनावी नतीजे आए, मंजूरी को कैंसिल करवा दिया। अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान कांग्रेस नेता समंदर पटेल गुर्जर खेड़ी तालाब गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनके समक्ष अपने इस दर्द को रखा। पटेल ने इसे लोकतंत्र का अपमान बताया और कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि को इस प्रकार बदले की भावना से काम करने का अधिकार नहीं है। चुनाव में किसी को भी वोट दिया जाए, मतदाताओं को मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता। उन्होंने गांव के लोगों को इस मामले में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।

Top