Neemuchhulchal मंदसौर, गुराड़िया देदा पर्यावरण दोहन का चरमोत्कर्ष शासन ही करवाता है, शासन की भूमी, शासन का रुपया, शासन की मिट्टी, शासन की योजना, बस दोहन ग्राम पंचायत के मतलबी और लोभी लाभ उठा लेते है गुराड़िया देदा पंचवन की भूमी सर्वे क्रमांक 1440/3 पर बीना SDM, तहसीलदार की अनुमति के पेड़ उखाड़ डबरी बना दी, तलाई मे कुछ मिट्टी बाकी की माड़साब को 2500 रूपये डम्फर मे बेचने की तैयारी, माड़साब के खेतो मे फसल खड़ी इसलिए ढेर करवाया पड़ा है, पंचवन की भूमी मे खुदाई नहीं की जा सकती पर अगर ग्राम पंचायत ही गैर कानूनी तरीके से अपनी मनमानी पर आ गई है न पंचो से पूछा न ग्रामीणों की सलाह, बताते है उप सरपंच साहब की मन मर्जी का काम है, क्या शासन आरोप दण्डित कर राशी वसूलेगा? जिसकी जैसी मर्जी चल रही है चलाते जाओ, क्या जिला प्रशासन संज्ञान लेगा? शासकीय पंचवन भूमी सर्वे क्रमांक 1440/3 मामला मध्यप्रदेश मे उमा भारती सरकार मे भूमी का पंचवन प्रकार बनाया गया था जिस पर मात्र हरे वृक्ष रहेंगे जिन्हे काटने का अधिकार किसी को नहीं होगा, विषम परिस्थितिया निर्मित भी होती है तो भी SDM और जिला कलेक्टर को निर्णय लेने का अधिकार निरुपित किया गया था, मंदसौर जिला कलेक्टर रही श्रीमती ऍम. गीता द्वारा गुराड़िया देदा की भूमी सर्वे क्रमांक 1440/3 को पंचवन भूमी मे परिवर्तित कर पौध रोपण करवाया गया था, एक गाँव के लिए पर्यावरण और पंचवन का महत्त्व ग्राम पंचायत गुराड़िया देदा की समझ से परे प्रतीत होता है, पर्यावरण का सरक्षण करने की बजाय पर्यावरण को उजाड़ने का कार्य ग्राम पंचायत गुराड़िया देदा का प्रतीत होता दिखाई दें रहा है, गुराड़िया देदा ही वो ग्राम पंचायत है जहाँ के पूर्व सचिवों ने शहरी लोगो को ग्रामीणों के प्लाट आबंटित कर दिए गए जो आज भी है, ग्रामीणों और निवासियों का हक़ मार कर शहरी लोगो ने बड़े बड़े बाड़े और बिल्डडिंगे गामठाम की भूमी पर तान दिए जिसकी जिला प्रशासन ने आज तक कोई सुध नहीं ली,, बताया जाता है की इन प्लाटो को ऊपरी कट मे बेचने मे जो लाभ हुआ था उसका अनुमान ही नहीं लगाया जा सकता है,बताया जाता है की एक पूर्व सचिव के घर से पच्चीस पेटी चोरी होने की रिपोर्ट तक नहीं लिखवाई गई, यही नहीं अभी भी जिला प्रशासन की अनदेखी के ही चलते पंचवन की भूमी पर ग्राम पंचायत ने डबरी JCB डम्फरो से खोद दी, ग्रामीणों और सूत्रों की माने तो मिट्टी डम्फर को 2500रूपये मे बेचने का आरोप है,यही नहीं पंचवन की भूमी और पौधों को तबाह कर मिट्टी और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ और दोहन करने वाली ग्राम पंचायत को जिला पंचायत, जनपद पंचायत, जिला प्रशासन और आर्थिक राशी अलग से देंगे जो पर्यावरण दोहन का चरमौत्कर्शष उदाहरण प्रतीत होता है....