Neemuchhulchal ✍️✍️ (रिपोर्टर हुकुम सिंह) भक्तिभाव और आध्यत्मिक उत्साह से परिपूर्ण स्वातत है शिव महिमा आद्य वैष्णव स्थान है कांशी यहां हरि के आनंदाश्रु गिरे थे उमरिया जिले के नौरोजाबाद अनादिकाल कल्चुरी प्रतिमा के रुप प्रतिस्थापित धरतीन माता बिरासिन माँ सेमरहा धाम ग्राम निपनिया में आज चर्तुथ दिवस की कथा व्यास पीठ पर विराजमान पूज्य पं. कुलदीप शास्त्री महराज जी द्वारा शिव महिमा एवम कांशी महिमा वेदशास्त्र सम्मत से कथा सुनाई। पुराणों के अनुसार कांशी आद्य वैष्णव स्थान है। पहले यह भगवान विष्णु (माधव) की पुरी थी। जन्हा श्रीहरि के आंनदाश्रु गिरे थे, वन्हा बिंदुसरोवर बन गया है और प्रभु यन्हा बिंदुमाधव के नाम से प्रतिष्ठित हुए। ऐसी एक कथा है कि जब भगवान शंकर ने क्रुद्ध होकर ब्रह्मा जी का पांचवां सिर काट दिया तो वह उनके करतल से चिपक गया। बारह वर्षों तक अनेक तीर्थो में भ्रमण करने पर भी वह सिर उनसे अलग नहीं हुआ। किंतु जैसे ही उन्होंने कांशी की सीमा में प्रवेश किया, ब्रह्महत्या ने उनका पीछा छोड़ दिया और वह कपाल भी अलग हो गया। जन्हा यह घटना घटी, वह स्थान कपालमोचन _तीर्थ कहलाया। महादेव को कांशी इतना अच्छी लगी कि उन्होंने इस पावन पुरी को विष्णु जी से अपनें नित्य आवास के लिए मांग लिए। तब से कांशी उनका निवास स्थान बन गया।,,बोलो कांशी विश्वनाथ की जय,, गांव के विभिन्न क्षेत्रों से सम्मिलित श्रोता मंत्रमुग्ध होकर शिव कांशी महिमा कथा श्रावित हुए। आज मां के दरबार मैदान में बसंत पंचमी पावन पर्व पर बृहद मेला आयोजित है जिसमे काफी लोग कथा के साथ साथ मेला का आनद लेते हुए दिखाई दिए।