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ग्राम पंचायत द्वारा फर्जी दस्तावेजों पर विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र जारी करने का मामला सामने आया

Neemuchhulchal ✍️✍️ (रिपोर्ट श्रवण लुंकड़) जालोर. आहोर पंचायत समिति के‌ अंतर्गत ग्राम पंचायत वेडिया द्वारा फर्जी दस्तावेजों के अनुसार विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किया है। तथा उसी फर्जी दस्तावेजों के अनुसार जिला परिवीक्षा एवं समाज कल्याण अधिकारी जालोर बिना दस्तावेजों की जांच पड़ताल किए बिना विधवाओं की पुत्रीयो के विवाह हेतु सहायता राशि जारी कर दी गई। ग्राम पंचायत वेडिया के ग्राम विकास अधिकारी द्वारा विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र दिनांक 18/05/2011 को जारी कर दिया जाता है। जबकि आवेदक द्वारा विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र हेतु आवेदन 16/6/2011 को ग्राम पंचायत में जमा कराया जाता है। ग्राम विकास अधिकारी द्वारा किसी आवेदक द्वारा आवेदन ग्राम पंचायत में बिना जमा कराये ठीक 30 दिन पहले विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। जबकि विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र हेतु वर एवं वधु दोनो‌ के सभी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। परन्तु वर पक्ष द्वारा ग्राम पंचायत में विवाह निमंत्रण पत्रिका के अलावा कोई भी दस्तावेज नहीं है। ग्राम विकास अधिकारी द्वारा किस आधार पर विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र जारी किया गया। जब हमने पुरी जांच पड़ताल की तो सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा भी किसी भी प्रकार से दस्तावेजों की जांच नहीं हुई परन्तु आवेदक द्वारा सहायता राशि जारी कर दी । यह मामला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग व ग्राम पंचायत की मिलीभगत हो सकती है। ना तो जिला स्तर पर किसी अधिकारी द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग व ग्राम पंचायत के उपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिले में भ्रष्टाचार हों रहा है लेकिन किसी बड़े अधिकारी को भनक तक नहीं लगी।

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