logo

नियत साफ होती तो सरकार बनते ही बहनों का भला कर देते शिवराज- गुर्जर

- चुनाव के समय ही क्यों याद आई बहना की - फसलों के दाम गिर रहे फिर भी भाजपा सरकार के बजट में किसानों की खुशहाली के झूठे दावे {नीमच}। मध्यप्रदेश की सरकार के आखिरी बजट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लाड़ली बहना योजना के नाम पर महिलाओं के खाते में एक हजार रुपए का भुगतान करने की घोषणा करते हैं। मुख्यमंत्री को यदि बहनों की इतनी ही चिंता थी तो सरकार बनाते ही उनके भले की सोचते। चुनाव के पहले सरकार के आखरी बजट में ही बहनों की याद भाजपा को क्यों आई? इससे भाजपा और शिवराज सिंह की नीयत का पता चलता है। इस आशय का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य उमरावसिंह गुर्जर ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मंत्री शिवराज सिंह चौहान बहनों को झूठे सपने दिखाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। अभी बजट में एक हजार रुपये पात्र महिलाओं के खाते में भुगतान करने की घोषणा की है। खाते में यह राशि कब से आना शुरू हो जाएगी इस पर अब तक संशय है। कहीं ऐसा न हो कि तब तक शिवराजसिंह ही पद पर न रहे। इधर बेटियों को भी ई-स्कूटर देने की घोषणा कर दी, जिसके कोई हाथ पैर नहीं हैं। भाजपा की सरकार का यह 18 वां बजट पेश किया गया। इस बार भी किसानों को लुभाने के लिए भारी भरकम योजना बताई गई, लेकिन आज भी मंडी में किसानों को अपनी उपज के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। प्याज, लहसुन उत्पादक किसान खून के आंसू रो रहे हैं। 18 वें बजट तक तो किसानों की आमदनी वास्तव में दोगुनी हो जाना थी, लेकिन हर बार किसान की आय दो गुनी करने का वादा किया जाता है। फसल बीमा आज तक नहीं मिला है न ही प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फसलो का कोई मुआवजा किसानों को मिला है। अतिवृष्टि में फसलें बर्बाद होने पर सरकार और प्रशासन ने सर्वे करने और मुआवजा देने की बातें जरूर कही थी लेकिन अमल आज तक नहीं किया गया। श्री गुर्जर ने कहा कि मप्र सरकार को गरीबों की इतनी ही चिंता होती तो गैस टंकी के दाम 50 रुपये बढ़ाने की बजाय राहत देने का काम करती। कर्मचारियों की पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को बजट में कोई तवज्जो नहीं दी गई। आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत तमाम विभागों के कर्मचारी आंदोलन करके सरकार से गुहार लगा रहे हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। बजट को जनहितैषी बताकर खुद की पीठ थपथपाने वाली भाजपा सरकार को सही मायने में गरीब जनता, किसान, कर्मचारी वर्ग, महिलाओं से कोई सरोकार ही नहीं है। इसका परिणाम विधानसभा चुनाव में भाजपा को भुगतना होगा।

Top