भाजपा को दूसरी पार्टी के सांसदों और निर्दलीयों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही भाजपा को एक बड़ा झटका मिलने वाला है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, भाजपा की कट्टर विरोधी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल में भाजपा के 12 सांसद हैं। साथ ही, इनमें से अधिकांश सांसद टीएमसी के संपर्क में हैं। केंद्र में भाजपा की चुनौती और भी बढ़ सकती है अगर ये सांसद टीएमसी के पक्ष में जाते हैं। भाजपा ने सरकार बनाने के बाद अभी और सांसदों को खोज रहा है। ममता दीदी की चाल से मोदी-शाह को नई चुनौती मिल सकती है। भाजपा को दूसरी पार्टी के सांसदों और निर्दलीयों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही भाजपा को एक बड़ा झटका मिलने वाला है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, भाजपा की कट्टर विरोधी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल में भाजपा के 12 सांसद हैं। साथ ही, इनमें से अधिकांश सांसद टीएमसी के संपर्क में हैं। केंद्र में भाजपा की चुनौती और भी बढ़ सकती है अगर ये सांसद टीएमसी के पक्ष में जाते हैं। भाजपा ने सरकार बनाने के बाद अभी और सांसदों को खोज रहा है। ममता दीदी की चाल से मोदी-शाह को नई चुनौती मिल सकती है। ममता बनर्जी की पार्टी फिलहाल स्वतंत्र है। यानी वह न तो इंडिया गठबंधन में हैं और न ही राष्ट्रवादी दल (एनडीए) में हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर किसी अलायंस में शामिल होना भी पड़ा तो वह इंडिया के साथ जाना चाहेगी। India Block को सरकार बनाने के लिए भी ममता के सांसदो की जरूरत होगी। गौरतलब हैं कि 42 सीटों वाले पश्चिम बंगाल में फ़िलहाल इस बार टीएमसी के 29 सांसद जीतकर आएं हैं। जब बात बीजेपी की होती है, तो इस बार भगवा दल ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्हें 42 में 12 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को सिर्फ एक मिली है।