मोरवार ने अपने गाव का नाम रोशन करते 25 सुरों के महारथियों में से संचिता भट्टाचार्य ने चुना रजत मोरवार को वॉइस ऑफ सेन्ट्रल इण्डिय स्वर श्रुति इवेंट्स* द्वारा आयोजित गीत संगीत की प्रतियोगिता में सेन्ट्रल इण्डिया से 60 नई आवाजों ने लता जी और उस्ताद अमीर खां साहब के शहर इन्दौर में अपनी फनकारी की उपस्थिति दर्ज कराईं। सुबह 10 बजे से आरम्भ हुआ ! सेमीफाइनल मुकाबला जो इंदौर, उज्जैन, भोपाल, रीवा रायपुर, जबलपुर, नीमच जैसे शहरों के प्रतिभागियों के बीच था। सेमीफाइनल में निर्णायक वैशाली बकोरे, अंकित पारोलकर और संदीप कनोजिया ने 25 गायकों को सुरों की कसौटी पर परखकर फाइनल में पहुंचने की घोषणा की। फाइनल में पहुंचे सभी प्रतिभागियों के चेहरे खिल उठे और सफल प्रतिभागी सभी शेष गायकों को 4 महिने की कठिन तपस्या के पश्चात इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बधाई दे रहे थे। इसके पश्चात शाम 5 बजे शुरू हुआ 25 प्रतिभागियों के बीच जोरदार फाइनल मुक़ाबला और जिसे जज किया सारेगामापा लिटिल चैम्प संचिता भट्टाचार्य ने । स्वर श्रुति इवेंट्स के डायरेक्टर संदीप कनोजिया और इवेंट हेड रिचा व्यास ने बताया कि *एल. एन. सी. टी . कालेज के सुसज्जित आंडिटोरियम में सम्पन्न हुए फाइनल में पहुंचे सभी प्रतिभागी अपनी जबरदस्त तैयारी से मंच पर प्रस्तुति दे रहे थे और जी टीवी सारेगामापा लिटिल चैम्प की विजेता संचिता भट्टाचार्य जो जज के रूप में इस आयोजन में थी, अनेक बार ताली बजाकर कलाकारों की हौसला अफजाई कर रहीं थीं, साथ ही सुरों की बारीकियां भी बताती रही । जैसा कि डायरेक्टर संदीप कनौजिया ने बताया कि विनर और रनर अप को इन फाइनलिस्ट में से चुनकर घोषित करना मुश्किल हो रहा था, क्योंकि सभी की तैयारी इतनी जबरदस्त थी कि इसे महासंग्राम कहना ही उचित होगा। अंत में संचिता भट्टाचार्य ने बहुत सोच समझ कर श्री शालीन सातपुते के शिष्य क्लासिकल और बॉलीवुड गीतों के फनकार रजत मोरवार पिता गोपाल मोरवार को विजेता घोषित किया। आकृति केयर फाउंडेशन द्वारा रजत मोरवार को ओरिजिनल सांग गाने का मौका दिया जायेगा, साथ ही ट्रॉफी सर्टिफिकेट और म्यूज़िकल गिफ्ट्स भी दिया गया।