रतनगढ़ तहसील मुख्यालय बने यह नगर वासियों सहित आसपास के ग्रामों में निवास करने वाली आम जनता की वर्षों पुरानी जायज मांग है।जो निश्चित रुप से पूरी होना चाहिए। रतनगढ़ के तहसील बन जाने से आसपास के क्षेत्र के 100 से भी अधिक गांवो की 1 लाख से भी अधिक की आबादी को इसका भरपूर लाभ मिलेगा। और ग्वालियर कला से लगाकर क्षेत्र की जनता को अपने प्रशासनिक एवं छोटे - मोटे कामो के लिए 60 से 75 कि. मी. तक की दूरी पर स्थित सीमा के अंतिम छोर पर बसे सिंगोली तहसील मुख्यालय के चक्कर नहीं काटना पड़ेंगे।म.प्र.शासन द्वारा शिघ्र ही किए जा रहे तहसील मुख्यालय के नवीन परिसिमन के अन्तर्गत रतनगढ़ के तहसील बन जाने से हजारों की संख्या में निवासरत ग्रामों की जनता को फायदा होगा।उक्त आशय के की मांग पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष ओमप्रकाश मूंदड़ा रतनगढ़ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा,प्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता, क्षेत्रीय विधायक ओमप्रकाश सकलेचा,भाजपा जिलाध्यक्ष पवन पाटीदार आदी को पत्र लिखकर की है।इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए मूंदड़ा ने बताया कि भौगोलिक एवं प्रशासनिक कार्यों की दृष्टि से भी रतनगढ़ सभी ग्राम पंचायतो के बीच सेंटर में पड़ता है। रतनगढ़ तहसील मुख्यालय के लिए रतनगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत शामिल सभी गांव एवं इसकी सीमाओ को केंद्र बिंदु मानकर तहसील का दर्जा दिया जाना चाहिए। जिससे इस क्षेत्र में निवासरत 100 से भी अधिक ग्रामो एवं 2 नगर परिषद क्षेत्रो रतनगढ़ एवं डिकेन नगर मे निवास करने वाली लगभग एक लाख से भी अधिक की जनसंख्या को रतनगढ़ तहसील बनने का लाभ मिल सकेगा।जिससे क्षेत्र के विकास को भी गति मिल सकेगी। *23 राजस्व हल्के इसमें शामिल किए जा सकते है।-* पटवारी हल्का नंबर 24 उमर, हल्का नं. 25 बोरदिया,ह.नं. 26 कांकरिया तलाई,ह.नं.27 डोराई,ह.नं.28 जाट, ह.नं.29 श्रीपुरा, ह. नं. 30 खातीखेड़ा, ह.नं.31दौलतपुरा, ह.नं.32 लुहारिया जाट, ह.नं. 33 बधावा,ह.नं.34 रतनगढ़,ह.नं 35 देहपूर, ह.नं.36 लुहारिया चुंडावत, ह.नं.37अलोरी एवं वर्तमान मे जावद मे शामिल ह.नं.27 मांडा,ह.नं.28 सुठोली रामनगर, ह.नं.29 डीकैन, ह.नं.30 भगवान पुरा, ह.नं. 31 निलीया, ह.नं.32 जनकपुर, ह.नं.33 दड़ौली एवं पटवारी हल्का नंबर 34 कुंडला को भी इसमे शामिल कर रतनगढ मे लिया जा सकता है।वर्तमान में तहसील मुख्यालय जावद क्षेत्र में शामिल उक्त 8 हल्के जो पूर्व में रतनगढ़ टप्पे में शामिल रहे हैं।और वर्तमान में भी कानून व्यवस्था की दृष्टि से रतनगढ़ थाना क्षेत्र एवं जावद व रतनगढ वन विभाग की सीमा के अंतर्गत आते हैं। इनको भी आमजन की सुविधा की दृष्टि से रतनगढ़ तहसील में शामिल किए जाने से इनकी राजस्व सीमा में निवासरत क्षेत्र की जनता को इसका भरपूर लाभ मिल सकेंगा। *75 कि.मी.दूरी से चलकर नहीं जाना पड़ेगा सिंगोली-* रतनगढ़ को तहसील मुख्यालय बनाए जाने के बाद राजस्थान की बॉर्डर पर स्थित ग्वालियर कला एवं जाट क्षेत्र की पंचायत में निवासरत हजारों लोगों को लंबी दूरी लगभग 60 कि.मी. से 75 कि.मी.तक की दूरी से चलकर सिंगोली नहीं जाना पड़ेगा।बीच केंद्र में रतनगढ़ पड़ने से इन ग्राम पंचायतो में निवासरत हजारों लोगों को राहत मिल सकेगी।जिससे सुविधाओ के साथ ही इनके काम भी आसान होंगे। *प्रशासनिक दृष्टि से भी उपयुक्त है। रतनगढ का तहसील बनना-* वर्तमान में रतनगढ़ टप्पा तहसील मुख्यालय पर विद्युत मंडल का मुख्यालय एवं 220 के.वी.ग्रीड का केंद्र,रतनगढ़ एवं जावद वन विभाग का कार्यालय भी यहां पर स्थित है। रतनगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत जाट एवं डिकेन चौकी के अंतर्गत आने वाली सीमाएं एवं रतनगढ़ तहसील की सीमा क्षेत्र एक ही होगा इससे कानून व्यवस्था में भी प्रशासनिक सुविधा रहेगी।संपूर्ण सिंगोली तहसील का महिला बाल विकास विभाग का परियोजना कार्यालय भी वर्तमान में रतनगढ़ में स्थित है।स्वास्थ्य विभाग का ब्लॉक जावद का मुख्यालय मात्र 12 कि.मी.दूर डीकेन नगर में स्थित है। *2 न.प.और 100 से भी अधिक गांवो की आबादी को मिलेगा इसका लाभ-* रतनगढ को तहसील मुख्यालय बनाए जाने से भौगोलिक दृष्टि से तो यह उपयुक्त होगा ही इसी के साथ-साथ रतनगढ एवं डिकैन 2 नगर परिषदो के अलावा विभिन्न पंचायतो में 100 से भी अधिक गांवो में निवासरत लगभग 1 लाख से भी अधिक की आबादी को अपने प्रशासनिक कार्य एवं सुविधा की दृष्टि से काफी लाभ होगा।एवं समय एवं श्रम की भी बचत होगी। *म.प्र.प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग एवं मुख्यमंत्री की है।यह मंशा-* म.प्र.के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने भी हाल ही में म.प्र. प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन करते हुए रिटायर्ड मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया है।जिसमें मुख्यमंत्री की मंशा है।कि आमजन को अपने छोटे-मोटे कार्यों के लिए लंबी दूरी तक चलकर न जाना पड़े।इसी के लिए गठित उक्त आयोग संभाग,जिले एवं तहसील व विकास खंडों की सीमाएं नवीन सिरे से तय करेगा।अतःक्षेत्र के नागरिकों के हित मे रतनगढ के पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष ओमप्रकाश मूंदड़ा ने ने पुरजोर तरीके से भौगोलिक एवं प्रशासनिक दृष्टि से क्षेत्र की जनता के हित में रतनगढ़ को नवीन तहसील बनाकर तहसील मुख्यालय का दर्जा दिया जाने की मांग की है।