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तारापुर प्रिंट क्षेत्र का गौरव परन्तु सरकारी सहयोग और आमजन की उपेक्षा का शिकार-कांग्रेस नेता रांका

(300 वर्षों से झरिया परीवार ने पारम्परिक विरासत को नई पहचान दी हैं-प्रकाश जैन रांका तारापुर प्रिंट महज प्रिंट नहीं यह हमारी विरासत ओर गौरव है) जावद। कांग्रेस नेता प्रकाश रांका ने तारापुर प्रिंट को लेकर बड़ी बात कही हैं । टेक्सटाइल एवं हथकरघा व हस्तशिल्प से जुड़े व्यापारियों और उनको आ रही चुनोतियाँ के सबन्ध में सम्पर्क साध कर कैसे हस्तशिल्प को विश्वपटल पर गौरव के साथ स्थापित किया जाए ओर व्यापार को बढ़ावा मिले इस सबंध में कांग्रेस नेता रांका ने एक रिपोर्ट तैयार की हैं। जावद के तारापुर की छपाई कला ओर क्षेत्र के कारीगरों ने अपनी अथक मेहनत एवं प्रयासों से हथकरघा उद्योग की इस परंपरा को जीवीत रखा हैं और आज जावद का नाम पूरे वीश्व में इसने रोशन किया इस व्यवसाय से जुडा झरिया परीवार धन्यवाद का पात्र हैं । कांग्रेस नेता श्री रांका ने यह भी कहा कि तारापुर प्रिंट से जुड़े परीवार ने इस अनमोल विरासत को आगे बढ़ाया हैं । आज जहाँ हथकरघा ओर हस्तशिल्प को हर राज्य बढ़ावा दे रहा वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार इस ओर समुचित ध्यान नहीं दे रही हैं । जो कुछ भी तारापुर प्रिंट का सम्मान है वो इन कारीगरों की वजह से ही हैं । श्री रांका ने यह भी कहा कि जहाँ तारापुर प्रिंट का नाम देश विदेश में है वहीं जावद विधानसभा ओर जिलेवासी इससे खासा परिचत नहीं हैं , सरकार को चाहिए की इसे क्षेत्रीय स्तर पर भी बढ़ावा दिया जाये । (जर्मनी में क्षेत्र का नाम रोशन किया था तारापुर प्रिंट ने) कांग्रेस नेता रांका ने कहा की मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई यह जानकर की तारापुर प्रिंट से जुड़े प्रदीप झरिया ने जर्मनी में कुछ वर्षों पूर्व इस बारे में बताया था कि तारापुर प्रिंट कैसे बनता हैं , दाबू प्रिंट में लकड़ी के ब्लॉक में बनी डिजाइन को गीली मिट्टी पर उकेर कर उसे साड़ी पर चिपकाया जाता है। इस तरह एक सप्ताह की प्रक्रिया से पारंपरिक दाबू प्रिंट की साडिय़ां महिलाओं के लिए तैयार की जाती है। दाबू उत्सव में सिल्क, शिफॉन, महेश्वरी, चंदेरी जैसे मटेरियल की साडिय़ों पर दाबू प्रिंट के कई तरह के डिजाइन उपलब्ध हैं। साथ ही मिट्टी, गोंद और चूने का उपयोग मिट्टी के छापे के लिए विशेष पेस्ट तैयार किया जाता है। इसमें काली मिट्टी, गोंद और चूना मिलाकर एक में महीने पेस्ट तैयार कर लकड़ी के छापे से साडिय़ों पर उकेरा जाता है और इंडिगो नील का उपयोग छपाई में किया जाता है। प्राकृतिक तरीको से बनती है तारापुर प्रिंट कांग्रेस नेता श्री रांका ने कहा कि मौजूदा दौर में पर्यावरण के अनुकूल होकर तारापुर की प्रिंटिंग का कार्यउ किया जा रहा हैं जो वाकई में काबिलेतारीफ हैं , कांग्रेस की सरकार बनने के बाद तारापुर प्रिंट को लेकर सुव्यवस्थित योजना अनुसार कार्य किया जाएगा जिससे इसकी लोकप्रियता में व्रद्धि हो और साथ ही स्थानीय स्तर पर इसके महत्व को समझा जाये ।

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