2018 से मैं राहुल गांधी जी को सपोर्ट कर रहा हूं ! इस फेसबुक आईडी पर प्रमाण मौजूद हैं, डेट सहित । यह कार्य कतई आसान नहीं था, परिवार से लेकर समाज तक, दोस्तों से लेकर रिश्तेदारों तक, सभी ने जज करने में, फब्तियां कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी । भारत में राजनीति को कैरियर के तौर पर चुन ने वालों को नीची निगाहों से देखा जाता है, राजनीति को गंदा धंधा कहा जाता है । फिर भी एक राब्ता सा जुड़ गया था राहुल जी से, बेवजह, जिसे मैंने शिद्दत से कायम रखा, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट हुई । इस तरह के एहसासों का बखान शब्दों में तो नहीं किया जा सकता उन्हें केवल जिया ही जा सकता है । मेरे लिए यह शख्स अब "मेरा लीडर" बन चुका है, जिसे गर्व से मैं फॉलो करता हूं, जिसके ज़िंदाबाद के नारे लगाता हूं, जिसके विरोधियों से भिड़ने की हर इंतहा पार कर जाता हूं । राहुल जी जिस तरह से दिन ब दिन परिपक्व हो रहे हैं, जिस अंदाज में जनहित के कार्य कर रहे हैं, सत्ताधारियों की तानाशाही के खिलाफ खुली लड़ाई लड़ रहे हैं, लोकतंत्र को बचाने सड़क पर उतर चुके हैं, गर्व होता है की मैंने सही व्यक्ति को अपने लीडर के तौर पर चुना । मैं कांग्रेस पार्टी की "विचारधारा" से जुड़ा हूं, सत्ता हासिल करने की लालसा में भाजपाइयों और संघियों से जुड़े कई कांग्रेस नेता देखे हैं मैंने, टॉप लेवल से बॉटम लेवल तक, किंतु उन्हें फॉलो करना कभी मुनासिफ नहीं समझा, क्योंकि दलालों को में नेता, या लीडर नहीं मानता । जिस दिन, कांग्रेस पार्टी "राहुल गांधी के कट्टर समर्थकों" से भर जाएगी, पार्टी में शामिल दलाल रूपी नेता छट जायेंगे, युवा लीडर्स को मौके मिलने लगेंगे, उनके उत्कृष्ट विचारों को सुना जाएगा, अपनाया जाएगा, तब मेरा यकीन है, कांग्रेस पार्टी के साथ साथ देश की भी दिशा और दशा बदल जाएगी । डर का कोई इलाज नहीं है, इस बीमारी के साथ लीडर बन ना संभव भी नहीं है, क्योंकि डरा हुआ जनप्रतिनिधि, अंत में एक दलाल बन कर रह जाता है । राहुल गांधी जिंदाबाद