Neemuchhulchal (रिपोर्टर महेंद्र सिंह राठौड़)✍️✍️ झांतला भैरुनाथ मंदिर से महिलाएं कलश धारण कर कथा स्थल तक ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का उच्चारण करते चल रही थी श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से होती है दिव्य ज्ञान की प्राप्ति : कथा वाचक बाल व्यास पवन वैष्णव महाराज सिंगोली :- कलियुग में श्रीमद् भागवत महापुराण का श्रवण कल्पवृक्ष से भी बढ़कर है। कल्पवृक्ष मात्र अर्थ,धर्म और काम ही दे सकता है, मुक्ति और भक्ति नही दे सकता है, लेकिन श्रीमद् भागवत तो दिव्य कल्पतरु है। यह अर्थ, धर्म, काम के साथ साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद प्राप्त कराता है। कथा श्रवण से दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है। यह बात 11 वर्षीय कथा वाचक बाल व्यास पवनदास बैरागी ने बोली वे मेघपुरा चौहान स्थित हनुमान मंदिर परिसर में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा शुभारंभ के दौरान श्रद्धालुओ को रसपान करा रहे थे । कथा वाचक बाल व्यास पवन वैष्णव महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत केवल पुस्तक नहीं साक्षात श्रीकृष्ण स्वरुप है। इसके एक एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाये हुये हैं।उन्होंने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पूण्यादि कर्मो से बढ़कर है। धुन्धकारी जैसे शराबी, कवाबी, महापापी, प्रेतआत्मा का उद्धार हो जाता है। उन्होंने कहा कि भागवत के चार अक्षर इसका तात्पर्य यह है कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त त्याग, जो हमारे जीवन में प्रदान करे, उसे हम भागवत कहते है। कथा का शुभारंभ से पूर्व बेंड बाजो व डीजे की धुन पर सेकड़ो की तादाद में भव्य कलश यात्रा निकली कलश यात्रा झांतला स्थित स्वयंभू भैरुनाथ मंदिर से पीले वस्त्र धारण किये हुए सेकड़ो महिलाएं शिर पर कलश लेकर चल रही थी झांतला से कलश यात्रा 2 मिलो मीटर की दूरी पर स्थित मेघपुरा चौहान स्थित हनुमान मंदिर कथा स्थल पहुचने के बाद भगवान चारभुजा मंदिर से ठाकुर पालकी में सवार होकर कथा स्थल पर बिराजित हुए श्रीमद भागवत कथा वाचक बाल व्यास पवन वैष्णव महाराज का झांतला महिला मंडल द्वारा साल श्री फल भेंट कर भागवत ग्रँथ की पूजा अर्चना की गई । इस दौरान श्री मति मधु बैरागी , श्रीमती कांता सोनी , ट्विंकल सैन , श्रीमती शानू शर्मा का व्यास पीठ से दुपट्टा भेंट कर इन्हें शुभ आशीर्वाद दिया ।